Gurunanak jayanti, गुरु नानक जयंती

Gurunanak jayanti, गुरु नानक जयंती 

Gurunanak jayanti, गुरु नानक जयंती 30 नवंबर 2020 को सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 551 वि जयन्ती है।उनका जन्म कार्तिक पुर्णिमा के दिन हुआ था।नानक ने सिख धर्म में हिंदू और इसलाम दोनों की अच्छाईयों को शामिल किया।हलाकि सिख धर्म हिंदू और इसलाम का महस संकलन नहीं है।गुरु नानक एक मौलिक आध्यात्मिक विचारक थे।

उन्होंने अपने विचारों को खास कविताई शैली में प्रस्तुत किया।यही शैली सिखों के धर्म ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब की भी है।गुरु नानक के जीवन के बारे में बहुत कुछ लोगों को नहीं पता।हलाकि सिख परंपराओं और जन्द सक्हियों में उनके बारे में काफी जानकारियां हैं।गुरु नानक के एहम उपदेश भी हम तक जन्द सक्हियों के जरिये ही पहुंचे हैं।बालक नानक का जन्म 1479 में लोहोर से 64 किलो मेटर दूर हुआ था।सिख परंपराओं में ये बताया जाता है कि नानक के जन्म और शुरुवाती साल कई माइनों में खास रहे।कहा जाता है कि ईश्वर ने नानक को कुछ अलग करने के लिए प्रेरित किया था।नानक का जन्म एक हिंदू परिवार में हुआ था।यक्तिकत गुणों को बढ़ाना चाहिए।नानक ने एक विद्रोही अध्यात्मिक लाइन को खीचना जारी रखा।

उन्होंने स्थानिय साधुओं और मॉल्वियों पर सवाल खड़ा करना शुरू किया।वो समान रूप से हिंदू और मुसल्मानों पर सवाल खड़ा कर रहे थे।वो समान रूप से हिंदू और मॉल्वियों पर सवाल खड़ा कर रहे थे।उन्होंने जीवन का आखरी वक्त पंजाब के करतारपूर में गुजारा।

यहीं पर उन्होंने अपने उपदेशों से भारी संख्या में अनुयाईयों को आकरशित किया।

गुरुनानक का सबसे एहम संदेश था कि ईश्वर एक है और हर इंसान ईश्वर तक सीधे पहुँच सआज यानी 30 नवंबर 2020 को सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 551 वि जयन्ती है।उनका जन्म कार्तिक पुर्णिमा के दिन हुआ था।नानक ने सिख धर्म में हिंदू और इसलाम दोनों की अच्छाईयों को शामिल किया।हलाकि सिख धर्म हिंदू और इसलाम का महस संकलन नहीं है।गुरु नानक एक मौलिक आध्यात्मिक विचारक थे।

उन्होंने अपने विचारों को खास कविताई शैली में प्रस्तुत किया।यही शैली सिखों के धर्म ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब की भी है।गुरु नानक के जीवन के बारे में बहुत कुछ लोगों को नहीं पता।हलाकि सिख परंपराओं और जन्द सक्हियों में उनके बारे में काफी जानकारियां हैं।गुरु नानक के एहम उपदेश भी हम तक जन्द सक्हियों के जरिये ही पहुंचे हैं।बालक नानक का जन्म 1479 में लोहोर से 64 किलो मेटर दूर हुआ था।सिख परंपराओं में ये बताया जाता है कि नानक के जन्म और शुरुवाती साल कई माइनों में खास रहे।कहा जाता है कि ईश्वर ने नानक को कुछ अलग करने के लिए प्रेरित किया था।नानक का जन्म एक हिंदू परिवार में हुआ था।यक्तिकत गुणों को बढ़ाना चाहिए।नानक ने एक विद्रोही अध्यात्मिक लाइन को खीचना जारी रखा।

उन्होंने स्थानिय साधुओं और मॉल्वियों पर सवाल खड़ा करना शुरू किया।वो समान रूप से हिंदू और मुसल्मानों पर सवाल खड़ा कर रहे थे।वो समान रूप से हिंदू और मॉल्वियों पर सवाल खड़ा कर रहे थे।उन्होंने जीवन का आखरी वक्त पंजाब के करतारपूर में गुजारा।

यहीं पर उन्होंने अपने उपदेशों से भारी संख्या में अनुयाईयों को आकरशित किया।

गुरुनानक का सबसे एहम संदेश था कि ईश्वर एक है और हर इंसान ईश्वर तक सीधे पहुँच सकता है।

इसके लिए कोई रिवाज या पुजारी या मॉल्वि की जरूरत नहीं है।गुरुनानक ने सबसे क्रांतिकारी सुधार जाती व्यवस्था को खत्म कर किया।उन्होंने इस चीज को प्रमुखता से इस्थापित किया कि हर इंसान एक है चाहे वो किसी भी जाती या लिंक का हो।

कता है।

इसके लिए कोई रिवाज या पुजारी या मॉल्वि की जरूरत नहीं है।गुरुनानक ने सबसे क्रांतिकारी सुधार जाती व्यवस्था को खत्म कर किया।उन्होंने इस चीज को प्रमुखता से इस्थापित किया कि हर इंसान एक है चाहे वो किसी भी जाती या लिंक का हो।

0 Comments

Post a Comment

Post a Comment (0)

Previous Post Next Post